सफर की शुरुआत अनसुनी होगी,
जब तू अपना सफर शुरू करेगा,
हर तरफ इंसानों का शोर होगा,
पहले दूसरों की खुशियों से तू च
जलेगा,
फिर तेरी सोच और नजरिया
बदलेगा,
कुछ समय के लिए कुछ समय के लिए ऐसा लगेगा कि लुप्त हूं मैं,
फिर पाएगा सही कर रहा हूं मैं,
भटकने वाले तो बहुत मिलेंगे,
लेकिन तेरी खुशियों के फूल तुझसे ही खिलेंगे,
अकेला महसूस करेगा तू,
हर मोड़ पर खुद को लेकर डरेगा तू,
सब सही होगा अगर तू सही है,
और अपने लक्ष्य को प्राप्त करना गलत नहीं है,
परेशान होकर! परेशान होकर तू बोलेगा अपना टाइम भी आएगा,
अरे! जरूर आएगा अपनी मंजिल को जो तू पाएगा,
हर दिन एक युद्ध की तरह लगेगा तुझे,
कि हर कदम सोच-समझकर रखने होंगे तुझे,
कोशिश जारी रखना बस,
जब आए मुश्किल रोने की बजाय खुलकर हंसना,
घर परिवार दोस्त सब साथ होकर भी दूर करने होंगे तुझे,
क्योंकि अपने मुकाम को हासिल करना है तुझे,
भावनाओं में बिल्कुल मत बहना,
क्योंकि फिर बाद में दर्द
होगा सहना,
सब एक तरफा करना है तुझे,
क्योंकि जो किसी ने नहीं किया वह करना है तुझे!!!!