मेहनत करता जा और सब्र रख होगा सब हासिल,
वो रात भी बीतेगी, वह दिन भी आएगा
जब सभी को भूला कर तू मंज़िल को पाएगा,
दर्द भी होगा, खुशी भी होगी
वह खुशी ही अलग होगी जब तेरे पास तेरी मंजिल होगी,
मेहनत कर तू बस तेरी मंजिल का दरवाजा तुझे खुला मिलेगा,
तू शुरुआत तो कर खुदा तुझे खुद बुलाएगा,
बनना है तो चमकता सूरज बन, कुछ भी नामुमकिन नहीं अगर तेरा है मन,
या उस रात के चाँद की तरह बन, अपने जीने की तू खुद वजह बन,
दर्द और कुर्बानी तो देनी होगी,
मंज़िल को पाकर वह खुशी भी अलग होगी,
जुनून रख तू, तू रख जज़्बा, रख तू वो आग, अमर होगा तू जब जीत लगेगी हाथ,
तेरे अपनों को भी नाज होगा,
जब तेरे पास तेरे सपनों का ताज होगा,
ना तो वह पिंजरे की बंद चिड़िया है तू,
न वह जेल में बंद कैदी है तू,
वह इंसान है जिसका नाम मिसाल है,
खुले आसमान में उडता हुआ बाज है,
त्याग दे तू वह सारी झूठी खुशियां,
मिटा दे तू अपनी आप बितियाँ,
कर तू वो जज़्बा और हौंसला बुलंद,
जो सोने भी ना दें जब आँखें हो बंद!❤
Himanshi Tanwar
21 April 2020
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