❣️"मेरी माँ"❣️
ईश्वर भी नहीं चुका सकता उसका दाम,
माँ! कितना प्यारा है ये खूबसूरत नाम,
हर एक मुसीबत में देती है साथ,
वादा करती है कभी न छोडुँगी तेरा हाथ,
कहते हैं ईश्वर ने लिखी है हमारी किताब,
जिसमें दुःखों और मुसीबतों का करना होता है हिसाब,
अगर माँ लिखती हमारी ज़िंदगी को,
मिटाके सारे दुःख पिरोती सिर्फ खुशियों को,
अंधकार में प्रकाश फैलाना सिखाती है,
ज़िंदगी का सही मार्ग असलियत में माँ सिखाती है,
अपने बच्चे को मैं खुश हूं दिखलाती है,
सारे दुःख अकेले जबकि वही उठाती है,
सिर्फ खूबसूरत नहीं बहुत खूबसूरत होती हैं,
हमारी परछाई का दूसरा नाम हमारी माँ होता है!!!
- हिमांशी तंवर
- बबीता (मेरी माँ)
No comments:
Post a Comment